Atul Pateriya by Cartoonist Mansoor

Atul Pateriya by Cartoonist Mansoor

Tuesday, March 23, 2010

कहीं यह छलावा तो नहीं !

आतंकी धमकियों और सुरक्षा संबंधी अटकलों जसी तमाम चुनौतियों के बावजूद अंतत: दिल्ली में 12वां हॉकी विश्व कप सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। छह माह बाद दिल्ली में ही होने जा रहे 19वें राष्ट्रमंडल खेल आयोजन के लिहाज से हॉकी विश्व कप को रिहर्सल के रूप में देखा जा रहा था। पूरी दुनिया के अलावा खासतौर पर इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका की पैनी नजरें भारत की मेजबानी पर गड़ी हुई थीं। इन देशों ने अपनी टीमों को हॉकी विश्व कप के लिए दिल्ली भेजने से पहले सुरक्षा संबंधी पहलू को बेहद गंभीरता से लिया था। यह पांच देश आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में भी शामिल हैं। बहरहाल, दिल्ली में हॉकी विश्व कप की निर्विघ्न और सफल मेजबानी करके भारत ने यह संकेत दे दिया है कि वह तमाम गतिरोधों और चुनौतियों के बावजूद इस तरह के बड़े अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की सुरक्षित और हर लिहाज से सफल मेजबानी कर सकता है।
दिल्ली सहित पूरे देश के लिए आगामी राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है। राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में यह 1.6 बिलियन यूएस डॉलर के हिसाब से अब तक की सबसे महंगी मेजबानी होगी। खेल से इतर, मेजबानी से जुड़ी अधोसंरचनात्मक तैयारियों पर भी मेगा-बजट अपनी सीमाएं तोड़ चुका है। विदेशी मेहमानों को इम्प्रेस करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इस पूरी जद्दोजहद में खेल और खिलाड़ियों के अलावा पूरा फोकस विदेशी मेहमानों की आव-भगत से जुड़ी तैयारियों पर किया जा रहा है। अनुमान लगाए जा चुके हैं कि इस खेल आयोजन के दौरान लगभग 20 लाख विदेशी पर्यटक दिल्ली आएंगे।
हॉकी विश्व कप को वाकई रिहर्सल के रूप में देखें तो विदेशी पर्यटकों के मामले में यह फ्लॉप-शो साबित हुआ। बावजूद इसके कि इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका जसे वह प्रमुख देश भी इस हॉकी विश्व कप में भाग ले रहे थे जो आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में भी हर लिहाज से बड़ी भूमिका में हैं। 71 देशों के इस आयोजन में इन पांच देशों के अतिरिक्त शेष मेहमान देश हर लिहाज से बहुत छोटे हैं। भारतीय पर्यटन उद्योग को भी इन्हीं प्रमुख देशों से पर्यटकों के आने की उम्मीद है। लेकिन हॉकी विश्व कप के दौरान अपनी-अपनी टीमों को देखने भी इन देशों से पर्यटक क्यों नहीं आए? संकेत ठीक नहीं है। स्टेडिमय की दर्शकदीर्घा में इक्का-दुक्का विदेशी दर्शक ही दिखाई दिए।
बहरहाल, राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल 17 खेलों में हॉकी अग्रणी है। ऐसे में जब हॉकी विश्वकप को ही विदेशी दर्शक नहीं मिले तो राष्ट्रमंडल में कितनी उम्मीद रखी जाए।

-राष्ट्रमंडल खेलों (03 सितंबर-14 अक्टूबर) के दौरान तकरीबन 20 लाख पर्यटकों के भारत आने की संभावना जताई जा रही है।
-पर्यटकों की सुविधा व रहने के लिए सरकार कुल 10,540 कमरों का निर्माण करा रही है जिसमें से 7,307 से अधिक कमरों का निर्माण हो चुका है।
-विदेशी पर्यटकों के लिए इन साढ़े दस हजार कमरों की तैयारी के अंतर्गत नए होटल, डीडीए हाऊसिंग यूनिट्स और ‘बेड एंड ब्रेकफास्टज् जसी योजनाएं शामिल हैं।
-सरकार ने 31 मार्च 2010 तक तैयार हो जाने वाले होटलों व अन्य परियोजनाओं को ‘फाइव ईयर टैक्स हॉलीडेज् प्लान का वादा भी किया है। यह प्लान सिर्फ एनसीआर क्षेत्र में बन रहे होटलों पर ही लागू होगा।

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